रामायणम् — 3.8.9
Original
Segmented
ततस् त्वाम् प्रस्थितम् दृष्ट्वा मम चिन्ता-आकुलम् मनः त्वद्-वृत्तम् चिन्तयन्त्या वै भवेन् निःश्रेयसम् हितम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ततस् | ततस् | pos=i |
| त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| प्रस्थितम् | प्रस्था | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
| मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| चिन्ता | चिन्ता | pos=n,comp=y |
| आकुलम् | आकुल | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| मनः | मनस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| त्वद् | त्वद् | pos=n,comp=y |
| वृत्तम् | वृत्त | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| चिन्तयन्त्या | चिन्तय् | pos=va,g=f,c=6,n=s,f=part |
| वै | वै | pos=i |
| भवेन् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| निःश्रेयसम् | निःश्रेयस | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| हितम् | हित | pos=a,g=n,c=1,n=s |