रामायणम् — 4.11.50
Original
Segmented
तस्य तत् वचनम् श्रुत्वा सुग्रीवस्य महात्मनः राघवो दुन्दुभेः कायम् पादाङ्गुष्ठेन लीलया तोलयित्वा महा-बाहुः चिक्षेप दश-योजनम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| वचनम् | वचन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
| सुग्रीवस्य | सुग्रीव | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| महात्मनः | महात्मन् | pos=a,g=m,c=6,n=s |
| राघवो | राघव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| दुन्दुभेः | दुन्दुभि | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| कायम् | काय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| पादाङ्गुष्ठेन | पादाङ्गुष्ठ | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| लीलया | लीला | pos=n,g=f,c=3,n=s |
| तोलयित्वा | तोलय् | pos=vi |
| महा | महत् | pos=a,comp=y |
| बाहुः | बाहु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| चिक्षेप | क्षिप् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| दश | दशन् | pos=n,comp=y |
| योजनम् | योजन | pos=n,g=n,c=2,n=s |