रामायणम् — 4.13.2
Original
Segmented
समुद्यम्य महच् चापम् रामः काञ्चन-भूषितम् शरांः च आदित्य-संकाशान् गृहीत्वा रण-साधक
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| समुद्यम्य | समुद्यम् | pos=vi |
| महच् | महत् | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| चापम् | चाप | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| रामः | राम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| काञ्चन | काञ्चन | pos=n,comp=y |
| भूषितम् | भूषय् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
| शरांः | शर | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| च | च | pos=i |
| आदित्य | आदित्य | pos=n,comp=y |
| संकाशान् | संकाश | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| गृहीत्वा | ग्रह् | pos=vi |
| रण | रण | pos=n,comp=y |
| साधक | साधक | pos=a,g=,c=2,n=p |