रामायणम् — 4.13.7
Original
Segmented
वैदूर्य-विमलैः पर्णैः पद्मैः च आकाश-कुड्मलैः शोभितान् सजलान् मार्गे तटाकांः च व्यलोकयन्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वैदूर्य | वैदूर्य | pos=a,comp=y |
| विमलैः | विमल | pos=a,g=n,c=3,n=p |
| पर्णैः | पर्ण | pos=n,g=n,c=3,n=p |
| पद्मैः | पद्म | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| च | च | pos=i |
| आकाश | आकाश | pos=n,comp=y |
| कुड्मलैः | कुड्मल | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| शोभितान् | शोभय् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
| सजलान् | सजल | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| मार्गे | मार्ग | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| तटाकांः | तटाक | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| च | च | pos=i |
| व्यलोकयन् | विलोकय् | pos=v,p=3,n=p,l=lan |