रामायणम् — 4.15.10
Original
Segmented
त्वया तस्य निरस्तस्य पीडितस्य विशेषतः इह एत्य पुनः आह्वानम् शङ्काम् जनयति इव मे
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| निरस्तस्य | निरस् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
| पीडितस्य | पीडय् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
| विशेषतः | विशेषतः | pos=i |
| इह | इह | pos=i |
| एत्य | ए | pos=vi |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| आह्वानम् | आह्वान | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| शङ्काम् | शङ्का | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| जनयति | जनय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| इव | इव | pos=i |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |