रामायणम् — 4.17.41
Original
Segmented
सुग्रीव-प्रिय-कामेन यद् अहम् निहतस् त्वया कण्ठे बद्ध्वा प्रदद्याम् ते ऽनिहतम् रावणम् रणे
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| सुग्रीव | सुग्रीव | pos=n,comp=y |
| प्रिय | प्रिय | pos=a,comp=y |
| कामेन | काम | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| यद् | यत् | pos=i |
| अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| निहतस् | निहन् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| कण्ठे | कण्ठ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| बद्ध्वा | बन्ध् | pos=vi |
| प्रदद्याम् | प्रदा | pos=v,p=1,n=s,l=vidhilin |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=4,n=s |
| ऽनिहतम् | अनिहत | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| रावणम् | रावण | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| रणे | रण | pos=n,g=m,c=7,n=s |