रामायणम् — 4.2.21
Original
Segmented
अरयः च मनुष्येण विज्ञेयाः छन्न-चारिणः विश्वस्तानाम् अविश्वस्ताः छिद्रेषु प्रहरन्ति हि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अरयः | अरि | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| च | च | pos=i |
| मनुष्येण | मनुष्य | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| विज्ञेयाः | विज्ञा | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=krtya |
| छन्न | छद् | pos=va,comp=y,f=part |
| चारिणः | चारिन् | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| विश्वस्तानाम् | विश्वस् | pos=va,g=m,c=6,n=p,f=part |
| अविश्वस्ताः | अविश्वस्त | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| छिद्रेषु | छिद्र | pos=n,g=n,c=7,n=p |
| प्रहरन्ति | प्रहृ | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| हि | हि | pos=i |