रामायणम् — 4.2.26
Original
Segmented
शुद्ध-आत्मानः यदि त्व् एतौ जानीहि त्वम् प्लवंगम व्याभाषितैः वा रूपैः वा विज्ञेया दुष्टता अनयोः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| शुद्ध | शुद्ध | pos=a,comp=y |
| आत्मानः | आत्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=d |
| यदि | यदि | pos=i |
| त्व् | तु | pos=i |
| एतौ | एतद् | pos=n,g=m,c=1,n=d |
| जानीहि | ज्ञा | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| प्लवंगम | प्लवंगम | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| व्याभाषितैः | व्याभाषित | pos=n,g=n,c=3,n=p |
| वा | वा | pos=i |
| रूपैः | रूप | pos=n,g=n,c=3,n=p |
| वा | वा | pos=i |
| विज्ञेया | विज्ञा | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=krtya |
| दुष्टता | दुष्टता | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| अनयोः | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=d |