रामायणम् — 4.22.14
Original
Segmented
यद् एषा साध्व् इति ब्रूयात् कार्यम् तन् मुक्त-संशयम् न हि तारा-मतम् किंचिद् अन्यथा परिवर्तते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यद् | यत् | pos=i |
| एषा | एतद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| साध्व् | साधु | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| ब्रूयात् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| कार्यम् | कार्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| तन् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| मुक्त | मुच् | pos=va,comp=y,f=part |
| संशयम् | संशय | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| न | न | pos=i |
| हि | हि | pos=i |
| तारा | तारा | pos=n,comp=y |
| मतम् | मत | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| किंचिद् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| अन्यथा | अन्यथा | pos=i |
| परिवर्तते | परिवृत् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |