रामायणम् — 4.23.19
Original
Segmented
पेतुः क्षतज-धाराः तु व्रणेभ्यस् तस्य सर्वशः ताम्र-गैरिक-संपृक्ताः धारा इव धराधरात्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| पेतुः | पत् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
| क्षतज | क्षतज | pos=n,comp=y |
| धाराः | धारा | pos=n,g=f,c=1,n=p |
| तु | तु | pos=i |
| व्रणेभ्यस् | व्रण | pos=n,g=n,c=5,n=p |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| सर्वशः | सर्वशस् | pos=i |
| ताम्र | ताम्र | pos=n,comp=y |
| गैरिक | गैरिक | pos=n,comp=y |
| संपृक्ताः | सम्पृच् | pos=va,g=f,c=1,n=p,f=part |
| धारा | धारा | pos=n,g=f,c=1,n=p |
| इव | इव | pos=i |
| धराधरात् | धराधर | pos=n,g=m,c=5,n=s |