रामायणम् — 4.24.17
Original
Segmented
त्वम् तार शिबिकाम् शीघ्रम् आदाय आगच्छ सम्भ्रमात् त्वरा गुणवती युक्ता ह्य् अस्मिन् काले विशेषतः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| तार | तार | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| शिबिकाम् | शिबिका | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| शीघ्रम् | शीघ्र | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| आदाय | आदा | pos=vi |
| आगच्छ | आगम् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| सम्भ्रमात् | सम्भ्रम | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| त्वरा | त्वरा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| गुणवती | गुणवत् | pos=a,g=f,c=1,n=s |
| युक्ता | युज् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
| ह्य् | हि | pos=i |
| अस्मिन् | इदम् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| काले | काल | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| विशेषतः | विशेषतः | pos=i |