रामायणम् — 4.27.5
Original
Segmented
संध्या-राग-उत्थितैः ताम्रैः अन्तेष्व् अधिक-पाण्डुरैः स्निग्धैः अभ्र-पट-छदैः बद्ध-व्रणम् इव अम्बरम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| संध्या | संध्या | pos=n,comp=y |
| राग | राग | pos=n,comp=y |
| उत्थितैः | उत्था | pos=va,g=m,c=3,n=p,f=part |
| ताम्रैः | ताम्र | pos=a,g=m,c=3,n=p |
| अन्तेष्व् | अन्त | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| अधिक | अधिक | pos=a,comp=y |
| पाण्डुरैः | पाण्डुर | pos=a,g=m,c=3,n=p |
| स्निग्धैः | स्निग्ध | pos=a,g=m,c=3,n=p |
| अभ्र | अभ्र | pos=n,comp=y |
| पट | पट | pos=n,comp=y |
| छदैः | छद | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| बद्ध | बन्ध् | pos=va,comp=y,f=part |
| व्रणम् | व्रण | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| अम्बरम् | अम्बर | pos=n,g=n,c=1,n=s |