रामायणम् — 4.28.30
Original
Segmented
ये त्व् अन्तपालाः प्लवगाः शीघ्र-गाः व्यवसायिनः समानयन्तु ते सैन्यम् त्वरिताः शासनान् मम स्वयम् च अनन्तरम् सैन्यम् भवान् एव अनुपश्यतु
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ये | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| त्व् | तु | pos=i |
| अन्तपालाः | अन्तपाल | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| प्लवगाः | प्लवग | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| शीघ्र | शीघ्र | pos=a,comp=y |
| गाः | ग | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| व्यवसायिनः | व्यवसायिन् | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| समानयन्तु | समानी | pos=v,p=3,n=p,l=lot |
| ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| सैन्यम् | सैन्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| त्वरिताः | त्वरित | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| शासनान् | शासन | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| स्वयम् | स्वयम् | pos=i |
| च | च | pos=i |
| अनन्तरम् | अनन्तर | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| सैन्यम् | सैन्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| भवान् | भू | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| एव | एव | pos=i |
| अनुपश्यतु | अनुपश् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |