रामायणम् — 4.28.31
Original
Segmented
त्रि-पञ्च-रात्रात् ऊर्ध्वम् यः प्राप्नुयान् न इह वानरः तस्य प्राणान्तिको दण्डो न अत्र कार्या विचारणा
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| त्रि | त्रि | pos=n,comp=y |
| पञ्च | पञ्चन् | pos=n,comp=y |
| रात्रात् | रात्र | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| ऊर्ध्वम् | ऊर्ध्वम् | pos=i |
| यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| प्राप्नुयान् | प्राप् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| न | न | pos=i |
| इह | इह | pos=i |
| वानरः | वानर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| प्राणान्तिको | प्राणान्तिक | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| दण्डो | दण्ड | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| न | न | pos=i |
| अत्र | अत्र | pos=i |
| कार्या | कृ | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=krtya |
| विचारणा | विचारणा | pos=n,g=f,c=1,n=s |