रामायणम् — 4.28.32
Original
Segmented
हरींः च वृद्धान् उपयातु स अङ्गदः भवान् मे आज्ञाम् अधिकृत्य निश्चिताम् इति व्यवस्थाम् हरि-पुंगव-ईश्वरः विधाय वेश्म प्रविवेश वीर्यवान्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| हरींः | हरि | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| च | च | pos=i |
| वृद्धान् | वृद्ध | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| उपयातु | उपया | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
| स | स | pos=i |
| अङ्गदः | अङ्गद | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| भवान् | भवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| आज्ञाम् | आज्ञा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| अधिकृत्य | अधिकृ | pos=vi |
| निश्चिताम् | निश्चि | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
| इति | इति | pos=i |
| व्यवस्थाम् | व्यवस्था | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| हरि | हरि | pos=n,comp=y |
| पुंगव | पुंगव | pos=n,comp=y |
| ईश्वरः | ईश्वर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| विधाय | विधा | pos=vi |
| वेश्म | वेश्मन् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| प्रविवेश | प्रविश् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| वीर्यवान् | वीर्यवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |