रामायणम् — 4.30.11
Original
Segmented
शक्रबाणासन-प्रख्यम् धनुः कालान्तक-उपमः प्रगृह्य गिरि-शृङ्ग-आभम् मन्दरः सानुमान् इव
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| शक्रबाणासन | शक्रबाणासन | pos=n,comp=y |
| प्रख्यम् | प्रख्य | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| धनुः | धनुस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| कालान्तक | कालान्तक | pos=n,comp=y |
| उपमः | उपम | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| प्रगृह्य | प्रग्रह् | pos=vi |
| गिरि | गिरि | pos=n,comp=y |
| शृङ्ग | शृङ्ग | pos=n,comp=y |
| आभम् | आभ | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| मन्दरः | मन्दर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| सानुमान् | सानुमत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| इव | इव | pos=i |