रामायणम् — 4.31.15
Original
Segmented
प्राप्तम् उद्योग-कालम् तु न अवैषि हरि-पुंगवैः त्वम् प्रमत्त इति व्यक्तम् लक्ष्मणो ऽयम् इह आगतः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| प्राप्तम् | प्राप् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| उद्योग | उद्योग | pos=n,comp=y |
| कालम् | काल | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| न | न | pos=i |
| अवैषि | अवे | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| हरि | हरि | pos=n,comp=y |
| पुंगवैः | पुंगव | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| प्रमत्त | प्रमद् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| इति | इति | pos=i |
| व्यक्तम् | व्यक्त | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| लक्ष्मणो | लक्ष्मण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽयम् | इदम् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| इह | इह | pos=i |
| आगतः | आगम् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |