रामायणम् — 4.31.20
Original
Segmented
न स क्षमः कोपयितुम् यः प्रसाद्य पुनः भवेत् पूर्व-उपकारम् स्मरता कृतज्ञेन विशेषतः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| न | न | pos=i |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| क्षमः | क्षम | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| कोपयितुम् | कोपय् | pos=vi |
| यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| प्रसाद्य | प्रसादय् | pos=vi |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| पूर्व | पूर्व | pos=n,comp=y |
| उपकारम् | उपकार | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| स्मरता | स्मृ | pos=va,g=m,c=3,n=s,f=part |
| कृतज्ञेन | कृतज्ञ | pos=a,g=m,c=3,n=s |
| विशेषतः | विशेषतः | pos=i |