रामायणम् — 4.33.5
Original
Segmented
संरक्त-नयनः श्रीमान् विचचाल कृत-अञ्जलिः बभूव अवस्थितः तत्र कल्पवृक्षो महान् इव
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| संरक्त | संरञ्ज् | pos=va,comp=y,f=part |
| नयनः | नयन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| श्रीमान् | श्रीमत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| विचचाल | विचल् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| कृत | कृ | pos=va,comp=y,f=part |
| अञ्जलिः | अञ्जलि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| बभूव | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| अवस्थितः | अवस्था | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| तत्र | तत्र | pos=i |
| कल्पवृक्षो | कल्पवृक्ष | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| महान् | महत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| इव | इव | pos=i |