रामायणम् — 4.37.18
Original
Segmented
पादयोः पतितम् मूर्ध्ना तम् उत्थाप्य हरि-ईश्वरम् प्रेम्णा च बहु-मानात् च राघवः परिषस्वजे
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| पादयोः | पाद | pos=n,g=m,c=7,n=d |
| पतितम् | पत् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| मूर्ध्ना | मूर्धन् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| उत्थाप्य | उत्थापय् | pos=vi |
| हरि | हरि | pos=n,comp=y |
| ईश्वरम् | ईश्वर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| प्रेम्णा | प्रेमन् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| च | च | pos=i |
| बहु | बहु | pos=a,comp=y |
| मानात् | मान | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| च | च | pos=i |
| राघवः | राघव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| परिषस्वजे | परिष्वज् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |