रामायणम् — 4.38.4
Original
Segmented
एवम् त्वयि न तच् चित्रम् भवेद् यत् सौम्य शोभनम् जानाम्य् अहम् त्वाम् सुग्रीव सततम् प्रिय-वादिनम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| एवम् | एवम् | pos=i |
| त्वयि | त्वद् | pos=n,g=,c=7,n=s |
| न | न | pos=i |
| तच् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| चित्रम् | चित्र | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| भवेद् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| यत् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| सौम्य | सौम्य | pos=a,g=m,c=8,n=s |
| शोभनम् | शोभन | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| जानाम्य् | ज्ञा | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| सुग्रीव | सुग्रीव | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| सततम् | सततम् | pos=i |
| प्रिय | प्रिय | pos=n,comp=y |
| वादिनम् | वादिन् | pos=a,g=m,c=2,n=s |