रामायणम् — 4.42.3
Original
Segmented
वृतः शत-सहस्रेण त्वद्विधानाम् वनौकसाम् वैवस्वत-सुतैः सार्धम् प्रतिष्ठस्व स्व-मन्त्रिभिः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वृतः | वृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| शत | शत | pos=n,comp=y |
| सहस्रेण | सहस्र | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| त्वद्विधानाम् | त्वद्विध | pos=a,g=m,c=6,n=p |
| वनौकसाम् | वनौकस् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| वैवस्वत | वैवस्वत | pos=n,comp=y |
| सुतैः | सुत | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| सार्धम् | सार्धम् | pos=i |
| प्रतिष्ठस्व | प्रस्था | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| स्व | स्व | pos=a,comp=y |
| मन्त्रिभिः | मन्त्रिन् | pos=n,g=m,c=3,n=p |