रामायणम् — 4.45.15
Original
Segmented
प्रविशेद् यदि वा वाली मूर्धा अस्य शतधा भवेत् तत्र वासः सुखो ऽस्माकम् निरुद्विग्नो भविष्यति
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| प्रविशेद् | प्रविश् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| यदि | यदि | pos=i |
| वा | वा | pos=i |
| वाली | वालिन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| मूर्धा | मूर्धन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| अस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| शतधा | शतधा | pos=i |
| भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| तत्र | तत्र | pos=i |
| वासः | वास | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| सुखो | सुख | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| ऽस्माकम् | मद् | pos=n,g=,c=6,n=p |
| निरुद्विग्नो | निरुद्विग्न | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| भविष्यति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |