रामायणम् — 4.47.7
Original
Segmented
यत्र वन्ध्य-फलाः वृक्षा विपुष्पाः पर्ण-वर्जिताः निस्तोयाः सरितो यत्र मूलम् यत्र सु दुर्लभम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यत्र | यत्र | pos=i |
| वन्ध्य | वन्ध्य | pos=a,comp=y |
| फलाः | फल | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| वृक्षा | वृक्ष | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| विपुष्पाः | विपुष्प | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| पर्ण | पर्ण | pos=n,comp=y |
| वर्जिताः | वर्जय् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
| निस्तोयाः | निस्तोय | pos=a,g=f,c=1,n=p |
| सरितो | सरित् | pos=n,g=f,c=1,n=p |
| यत्र | यत्र | pos=i |
| मूलम् | मूल | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| यत्र | यत्र | pos=i |
| सु | सु | pos=i |
| दुर्लभम् | दुर्लभ | pos=a,g=n,c=1,n=s |