रामायणम् — 4.55.9
Original
Segmented
वैदेह्याः प्रिय-कामेन कृतम् कर्म जटायुषा गृध्र-राजेन यत् तत्र श्रुतम् वस् तद् अशेषतः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वैदेह्याः | वैदेही | pos=n,g=f,c=6,n=s |
| प्रिय | प्रिय | pos=a,comp=y |
| कामेन | काम | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| कृतम् | कृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| कर्म | कर्मन् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| जटायुषा | जटायुस् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| गृध्र | गृध्र | pos=n,comp=y |
| राजेन | राज | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| यत् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| तत्र | तत्र | pos=i |
| श्रुतम् | श्रु | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| वस् | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=p |
| तद् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| अशेषतः | अशेषतस् | pos=i |