रामायणम् — 4.57.5
Original
Segmented
आवृत्य आकाश-मार्गेण जवेन स्म गतौ भृशम् मध्यम् प्राप्ते च सूर्ये च जटायुः अवसीदति
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| आवृत्य | आवृ | pos=vi |
| आकाश | आकाश | pos=n,comp=y |
| मार्गेण | मार्ग | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| जवेन | जव | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| स्म | स्म | pos=i |
| गतौ | गम् | pos=va,g=m,c=1,n=d,f=part |
| भृशम् | भृशम् | pos=i |
| मध्यम् | मध्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| प्राप्ते | प्राप् | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
| च | च | pos=i |
| सूर्ये | सूर्य | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| च | च | pos=i |
| जटायुः | जटायुस् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| अवसीदति | अवसद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |