रामायणम् — 4.59.2
Original
Segmented
तम् अङ्गदम् उपासीनम् तैः सर्वैः हरिभिः वृतम् जनित-प्रत्ययः हर्षात् संपातिः पुनः अब्रवीत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अङ्गदम् | अङ्गद | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| उपासीनम् | उपास् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| तैः | तद् | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| सर्वैः | सर्व | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| हरिभिः | हरि | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| वृतम् | वृ | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| जनित | जनय् | pos=va,comp=y,f=part |
| प्रत्ययः | प्रत्यय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| हर्षात् | हर्ष | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| संपातिः | सम्पाति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| अब्रवीत् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |