रामायणम् — 4.59.5
Original
Segmented
लब्ध-सञ्ज्ञः तु षः-रात्रात् विवशो विह्वलन्न् इव वीक्षमाणो दिशः सर्वा न अभिजानामि किंचन
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| लब्ध | लभ् | pos=va,comp=y,f=part |
| सञ्ज्ञः | संज्ञा | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| षः | षष् | pos=n,comp=y |
| रात्रात् | रात्र | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| विवशो | विवश | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| विह्वलन्न् | विह्वल् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| इव | इव | pos=i |
| वीक्षमाणो | वीक्ष् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| दिशः | दिश् | pos=n,g=f,c=2,n=p |
| सर्वा | सर्व | pos=n,g=f,c=2,n=p |
| न | न | pos=i |
| अभिजानामि | अभिज्ञा | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| किंचन | कश्चन | pos=n,g=n,c=2,n=s |