रामायणम् — 4.59.7
Original
Segmented
हृष्ट-पक्षि-गण-आकीर्णः कन्दर-अन्तर-कूटवान् दक्षिणस्य उदधेः तीरे विन्ध्यो ऽयम् इति निश्चितः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| हृष्ट | हृष् | pos=va,comp=y,f=part |
| पक्षि | पक्षिन् | pos=n,comp=y |
| गण | गण | pos=n,comp=y |
| आकीर्णः | आकृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| कन्दर | कन्दर | pos=n,comp=y |
| अन्तर | अन्तर | pos=n,comp=y |
| कूटवान् | कूटवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| दक्षिणस्य | दक्षिण | pos=a,g=m,c=6,n=s |
| उदधेः | उदधि | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| तीरे | तीर | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| विन्ध्यो | विन्ध्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽयम् | इदम् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| निश्चितः | निश्चि | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |