रामायणम् — 4.6.14
Original
Segmented
ततो गृहीत्वा तद्-वासः शुभान्य् आभरणानि च अभवद् बाष्प-संरुद्धः नीहारेण इव चन्द्रमाः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ततो | ततस् | pos=i |
| गृहीत्वा | ग्रह् | pos=vi |
| तद् | तद् | pos=n,comp=y |
| वासः | वासस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| शुभान्य् | शुभ | pos=a,g=n,c=2,n=p |
| आभरणानि | आभरण | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| च | च | pos=i |
| अभवद् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| बाष्प | बाष्प | pos=n,comp=y |
| संरुद्धः | संरुध् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| नीहारेण | नीहार | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| चन्द्रमाः | चन्द्रमस् | pos=n,g=m,c=1,n=s |