रामायणम् — 4.6.17
Original
Segmented
अविच्छिन्न-अश्रु-वेगः तु सौमित्रिम् वीक्ष्य पार्श्वतः परिदेवयितुम् दीनम् रामः समुपचक्रमे
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अविच्छिन्न | अविच्छिन्न | pos=a,comp=y |
| अश्रु | अश्रु | pos=n,comp=y |
| वेगः | वेग | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| सौमित्रिम् | सौमित्रि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| वीक्ष्य | वीक्ष् | pos=vi |
| पार्श्वतः | पार्श्वतस् | pos=i |
| परिदेवयितुम् | परिदेवय् | pos=vi |
| दीनम् | दीन | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| रामः | राम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| समुपचक्रमे | समुपक्रम् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |