रामायणम् — 4.6.4
Original
Segmented
भार्या-वियोग-जम् दुःखम् नचिरात् त्वम् विमोक्ष्यसे अहम् ताम् आनयिष्यामि नष्टाम् वेद-श्रुतिम् यथा
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| भार्या | भार्या | pos=n,comp=y |
| वियोग | वियोग | pos=n,comp=y |
| जम् | ज | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| दुःखम् | दुःख | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| नचिरात् | नचिर | pos=a,g=n,c=5,n=s |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| विमोक्ष्यसे | विमुच् | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |
| अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| ताम् | तद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| आनयिष्यामि | आनी | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
| नष्टाम् | नश् | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
| वेद | वेद | pos=n,comp=y |
| श्रुतिम् | श्रुति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| यथा | यथा | pos=i |