रामायणम् — 4.62.2
Original
Segmented
कन्दरात् तु विसर्पित्वा पर्वतस्य शनैः शनैः अहम् विन्ध्यम् समारुह्य भवतः प्रतिपालये
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| कन्दरात् | कन्दर | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| विसर्पित्वा | विसृप् | pos=vi |
| पर्वतस्य | पर्वत | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| शनैः | शनैस् | pos=i |
| शनैः | शनैस् | pos=i |
| अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| विन्ध्यम् | विन्ध्य | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| समारुह्य | समारुह् | pos=vi |
| भवतः | भवत् | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| प्रतिपालये | प्रतिपालय् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |