रामायणम् — 4.7.11
Original
Segmented
एषो ऽञ्जलिः मया बद्धः प्रणयात् त्वाम् प्रसादये पौरुषम् श्रय शोकस्य न अन्तरम् दातुम् अर्हसि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| एषो | एतद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽञ्जलिः | अञ्जलि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| बद्धः | बन्ध् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| प्रणयात् | प्रणय | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| प्रसादये | प्रसादय् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| पौरुषम् | पौरुष | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| श्रय | श्रि | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| शोकस्य | शोक | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| न | न | pos=i |
| अन्तरम् | अन्तर | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| दातुम् | दा | pos=vi |
| अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |