रामायणम् — 4.7.8
Original
Segmented
बाष्पम् आपतितम् धैर्यान् निग्रहीतुम् त्वम् अर्हसि मर्यादाम् सत्त्व-युक्तानाम् धृतिम् न उत्स्रष्टुम् अर्हसि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| बाष्पम् | बाष्प | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| आपतितम् | आपत् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| धैर्यान् | धैर्य | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| निग्रहीतुम् | निग्रह् | pos=vi |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| मर्यादाम् | मर्यादा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| सत्त्व | सत्त्व | pos=n,comp=y |
| युक्तानाम् | युज् | pos=va,g=m,c=6,n=p,f=part |
| धृतिम् | धृति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| न | न | pos=i |
| उत्स्रष्टुम् | उत्सृज् | pos=vi |
| अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |