रामायणम् — 4.7.9
Original
Segmented
व्यसने वा अर्थ-कृच्छ्रे वा भये वा जीवितान्त-गे विमृशन् वै स्वया बुद्ध्या धृतिमान् न अवसीदति
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| व्यसने | व्यसन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| वा | वा | pos=i |
| अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
| कृच्छ्रे | कृच्छ्र | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| वा | वा | pos=i |
| भये | भय | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| वा | वा | pos=i |
| जीवितान्त | जीवितान्त | pos=n,comp=y |
| गे | ग | pos=a,g=n,c=7,n=s |
| विमृशन् | विमृश् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| वै | वै | pos=i |
| स्वया | स्व | pos=a,g=f,c=3,n=s |
| बुद्ध्या | बुद्धि | pos=n,g=f,c=3,n=s |
| धृतिमान् | धृतिमत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| न | न | pos=i |
| अवसीदति | अवसद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |