रामायणम् — 4.8.3
Original
Segmented
शक्यम् खलु भवेद् राम सहायेन त्वया अनघ सुर-राज्यम् अपि प्राप्तुम् स्व-राज्यम् किम् पुनः प्रभो
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| शक्यम् | शक्य | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| खलु | खलु | pos=i |
| भवेद् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| राम | राम | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| सहायेन | सहाय | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| अनघ | अनघ | pos=a,g=m,c=8,n=s |
| सुर | सुर | pos=n,comp=y |
| राज्यम् | राज्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| अपि | अपि | pos=i |
| प्राप्तुम् | प्राप् | pos=vi |
| स्व | स्व | pos=a,comp=y |
| राज्यम् | राज्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| प्रभो | प्रभु | pos=n,g=m,c=8,n=s |