रामायणम् — 4.8.30
Original
Segmented
संनिगृह्य तु तम् बाष्पम् प्रमृज्य नयने शुभे विनिःश्वस्य च तेजस्वी राघवम् पुनः अब्रवीत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| संनिगृह्य | संनिग्रह् | pos=vi |
| तु | तु | pos=i |
| तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| बाष्पम् | बाष्प | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| प्रमृज्य | प्रमृज् | pos=vi |
| नयने | नयन | pos=n,g=n,c=2,n=d |
| शुभे | शुभ | pos=a,g=n,c=2,n=d |
| विनिःश्वस्य | विनिःश्वस् | pos=vi |
| च | च | pos=i |
| तेजस्वी | तेजस्विन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| राघवम् | राघव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| अब्रवीत् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |