रामायणम् — 4.8.38
Original
Segmented
तद्-विनाशात् हि मे दुःखम् प्रनष्टम् स्याद् अनन्तरम् सुखम् मे जीवितम् च एव तद्-विनाश-निबन्धनम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तद् | तद् | pos=n,comp=y |
| विनाशात् | विनाश | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| दुःखम् | दुःख | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| प्रनष्टम् | प्रणश् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| स्याद् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| अनन्तरम् | अनन्तर | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| सुखम् | सुख | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| जीवितम् | जीवित | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| तद् | तद् | pos=n,comp=y |
| विनाश | विनाश | pos=n,comp=y |
| निबन्धनम् | निबन्धन | pos=n,g=n,c=1,n=s |