रामायणम् — 4.9.16
Original
Segmented
अहम् तु नष्टम् तम् ज्ञात्वा स्नेहाद् आगत-सम्भ्रमः भ्रातरम् न हि पश्यामि पाप-शङ्किन् च मे मनः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| नष्टम् | नश् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| ज्ञात्वा | ज्ञा | pos=vi |
| स्नेहाद् | स्नेह | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| आगत | आगम् | pos=va,comp=y,f=part |
| सम्भ्रमः | सम्भ्रम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| भ्रातरम् | भ्रातृ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| न | न | pos=i |
| हि | हि | pos=i |
| पश्यामि | दृश् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| पाप | पाप | pos=n,comp=y |
| शङ्किन् | शङ्किन् | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| मनः | मनस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |