रामायणम् — 4.9.23
Original
Segmented
निग्रहे ऽपि समर्थस्य तम् पापम् प्रति राघव न प्रावर्तत मे बुद्धिः भ्रातृ-गौरव-यन्त्रिता
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| निग्रहे | निग्रह | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| ऽपि | अपि | pos=i |
| समर्थस्य | समर्थ | pos=a,g=m,c=6,n=s |
| तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| पापम् | पाप | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| प्रति | प्रति | pos=i |
| राघव | राघव | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| न | न | pos=i |
| प्रावर्तत | प्रवृत् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| बुद्धिः | बुद्धि | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| भ्रातृ | भ्रातृ | pos=n,comp=y |
| गौरव | गौरव | pos=n,comp=y |
| यन्त्रिता | यन्त्रय् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |