रामायणम् — 5.1.101
Original
Segmented
त्वद्-निमित्तम् अनेन अहम् बहु-मानात् प्रचोदितः योजनानाम् शतम् च अपि कपिः एष समाप्लुतः तव सानुषु विश्रान्तः शेषम् प्रक्रमताम् इति
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| त्वद् | त्वद् | pos=n,comp=y |
| निमित्तम् | निमित्त | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अनेन | इदम् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| बहु | बहु | pos=a,comp=y |
| मानात् | मान | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| प्रचोदितः | प्रचोदय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| योजनानाम् | योजन | pos=n,g=n,c=6,n=p |
| शतम् | शत | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| अपि | अपि | pos=i |
| कपिः | कपि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| एष | एतद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| समाप्लुतः | समाप्लु | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| सानुषु | सानु | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| विश्रान्तः | विश्रम् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| शेषम् | शेष | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| प्रक्रमताम् | प्रक्रम् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
| इति | इति | pos=i |