रामायणम् — 5.1.105
Original
Segmented
अतिथिः किल पूजा-अर्हः प्राकृतो ऽपि विजानता धर्मम् जिज्ञासमानेन किम् पुनः यादृशो भवान्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अतिथिः | अतिथि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| किल | किल | pos=i |
| पूजा | पूजा | pos=n,comp=y |
| अर्हः | अर्ह | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| प्राकृतो | प्राकृत | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| ऽपि | अपि | pos=i |
| विजानता | विज्ञा | pos=va,g=m,c=3,n=s,f=part |
| धर्मम् | धर्म | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| जिज्ञासमानेन | जिज्ञास् | pos=va,g=m,c=3,n=s,f=part |
| किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| यादृशो | यादृश | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| भवान् | भवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |