रामायणम् — 5.1.124
Original
Segmented
उवाच वचनम् धीमान् परितोषात् स गद्गदम् सुनाभम् पर्वत-श्रेष्ठम् स्वयम् एव शचीपतिः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| वचनम् | वचन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| धीमान् | धीमत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| परितोषात् | परितोष | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| स | स | pos=i |
| गद्गदम् | गद्गद | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| सुनाभम् | सुनाभ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| पर्वत | पर्वत | pos=n,comp=y |
| श्रेष्ठम् | श्रेष्ठ | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| स्वयम् | स्वयम् | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| शचीपतिः | शचीपति | pos=n,g=m,c=1,n=s |