रामायणम् — 5.1.125
Original
Segmented
हिरण्यनाभ शैल-इन्द्र परितुष्टो ऽस्मि ते भृशम् अभयम् ते प्रयच्छामि तिष्ठ सौम्य यथासुखम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| हिरण्यनाभ | हिरण्यनाभ | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| शैल | शैल | pos=n,comp=y |
| इन्द्र | इन्द्र | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| परितुष्टो | परितुष् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| ऽस्मि | अस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| भृशम् | भृशम् | pos=i |
| अभयम् | अभय | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=4,n=s |
| प्रयच्छामि | प्रयम् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| तिष्ठ | स्था | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| सौम्य | सौम्य | pos=a,g=m,c=8,n=s |
| यथासुखम् | यथासुखम् | pos=i |