रामायणम् — 5.1.132
Original
Segmented
राक्षसम् रूपम् आस्थाय सु घोरम् पर्वत-उपमम् दंष्ट्र-करालम् पिङ्ग-अक्षम् वक्त्रम् कृत्वा नभः-स्पृशम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| राक्षसम् | राक्षस | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| रूपम् | रूप | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| आस्थाय | आस्था | pos=vi |
| सु | सु | pos=i |
| घोरम् | घोर | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| पर्वत | पर्वत | pos=n,comp=y |
| उपमम् | उपम | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| दंष्ट्र | दंष्ट्र | pos=n,comp=y |
| करालम् | कराल | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| पिङ्ग | पिङ्ग | pos=a,comp=y |
| अक्षम् | अक्ष | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| वक्त्रम् | वक्त्र | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| कृत्वा | कृ | pos=vi |
| नभः | नभस् | pos=n,comp=y |
| स्पृशम् | स्पृश् | pos=a,g=m,c=2,n=s |