रामायणम् — 5.1.144
Original
Segmented
इति उक्त्वा सुरसाम् क्रुद्धो दश-योजनम् आयतः दश-योजन-विस्तारः बभूव हनुमन्त् तदा
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| इति | इति | pos=i |
| उक्त्वा | वच् | pos=vi |
| सुरसाम् | सुरसा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| क्रुद्धो | क्रुध् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| दश | दशन् | pos=n,comp=y |
| योजनम् | योजन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| आयतः | आयम् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| दश | दशन् | pos=n,comp=y |
| योजन | योजन | pos=n,comp=y |
| विस्तारः | विस्तार | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| बभूव | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| हनुमन्त् | हनुमन्त् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तदा | तदा | pos=i |