रामायणम् — 5.1.63
Original
Segmented
उपरिष्टात् शरीरेण छायया च अवगाढया सागरे मारुत-आविष्टा नौः इव आसीत् तदा कपिः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| उपरिष्टात् | उपरिष्टात् | pos=i |
| शरीरेण | शरीर | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| छायया | छाया | pos=n,g=f,c=3,n=s |
| च | च | pos=i |
| अवगाढया | अवगाह् | pos=va,g=f,c=3,n=s,f=part |
| सागरे | सागर | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| मारुत | मारुत | pos=n,comp=y |
| आविष्टा | आविश् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
| नौः | नौ | pos=n,g=,c=1,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| आसीत् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| तदा | तदा | pos=i |
| कपिः | कपि | pos=n,g=m,c=1,n=s |