रामायणम् — 5.1.93
Original
Segmented
जातरूप-मयैः शृङ्गैः भ्राजमानैः स्वयंप्रभैः आदित्य-शत-संकाशः सो ऽभवद् गिरि-सत्तमः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| जातरूप | जातरूप | pos=n,comp=y |
| मयैः | मय | pos=a,g=n,c=3,n=p |
| शृङ्गैः | शृङ्ग | pos=n,g=n,c=3,n=p |
| भ्राजमानैः | भ्राज् | pos=va,g=n,c=3,n=p,f=part |
| स्वयंप्रभैः | स्वयम्प्रभ | pos=a,g=n,c=3,n=p |
| आदित्य | आदित्य | pos=n,comp=y |
| शत | शत | pos=n,comp=y |
| संकाशः | संकाश | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| सो | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽभवद् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| गिरि | गिरि | pos=n,comp=y |
| सत्तमः | सत्तम | pos=a,g=m,c=1,n=s |