रामायणम् — 5.11.47
Original
Segmented
विनाशे बहवो दोषा जीवन् प्राप्नोति भद्रकम् तस्मात् प्राणान् धरिष्यामि ध्रुवो जीवति संगमः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| विनाशे | विनाश | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| बहवो | बहु | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| दोषा | दोष | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| जीवन् | जीव् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| प्राप्नोति | प्राप् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| भद्रकम् | भद्रक | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| तस्मात् | तद् | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| प्राणान् | प्राण | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| धरिष्यामि | धृ | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
| ध्रुवो | ध्रुव | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| जीवति | जीव् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| संगमः | संगम | pos=n,g=m,c=1,n=s |